"जिंदगी कितनी खूबसूरत है ये देखने के लिए हमें ज़्यादा दूर जाने की जरुरत नहीं है, हम जहाँ अपनी आँखे खोल ले वही इसे देख सकते है।"
अन्नपूर्णे सदा पूर्णे शंकरप्राणवलभे | ज्ञानवैराग्यसिद्यर्थ भिक्षां देहि च पार्वती ||
माता च पार्वती देवी पिता देवो महेश्वरः | वान्धवाः शिव भक्तश्व स्वदेशो भुवन त्रयम् ||
अर्थ:- हे भगवती अन्नपूर्णे सदा पूर्ण स्वरुप से युक्त रहने वाली, भगवन शंकर की प्राणप्रिये माँ पार्वती! आप ज्ञान एवं वैराग्य की सम्पूर्णता के लिए मुझ भक्तों को अमृतमयी भिक्षा दीजिये | भगवती पार्वती हमारी माता हैं, भगवान शंकर हमारे पिता हैं, भगवान शिव के भक्त हमारे बांधव हैं तथा यह सारा संसार त्रैलोक्य हमारा स्वदेश है |
On Entering the Pious Temple an amazing Divine feeling can be experienced. The Main Entrance door of the Temple is constructed in accordance to Southern Indian Architecture on the Back of Two Large Elephants. The Pylon (Gopur) is much large & Beautiful that people came here from very far destinations to view it.
On entering the temple a beautiful small temple of Paramba Bhagwati Godess Annapoorna can be seen. Here Bhagwati Godess Annapoorna is sparkling with Godess Mahakali and Godess Mahasaraswati .
Features
श्री सिद्धपीठ अन्नपूर्णा आश्रम चेरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना कर २० मार्च १९९८ को श्री क्षेत्र त्र्यंबकेश्वर में नीलपर्वत पर भूमि पूजन कर श्री अन्नपूर्णा आश्रम की स्थापना की ।
मन्दिरों का निर्माण हमारी भारतभूमी पर सदियों से होता आ रहा है । यह मन्दिर दक्षिण भारत के मदुरै में स्थित मिनाक्षी मन्दिर की तर्ज पर बना है। मन्दिर का प्रवेश द्वार चार हाथियों पर निर्मित अद्भुत आकर्षण का केन्द्र है ।
विद्यालय से अध्ययन कर निकले छात्र- छात्राएँ डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, शिक्षक व अन्य उच्च पदों पर सेवारत है, राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं ।
It was popularised in the 1960s with the release of Letraset sheets containing Lorem Ipsum passagesIt was popularised in the 1960s with the release of Letraset sheets.
Watch Video
Sep 12, 2022
Daily People visit here to participate and assist the cleaning process for temple. This is alike to a ritual or tradition continuously followed. This is also a part of Worship. Thereafter around 6.00 am routine worship is performed in all temple respectively. The panoramic view is always available at the time of Morning & Evening “Aarti” (holy Prayer with Lamps). Crowd of Ecstatic devotees takes part into this aartis.
Watch VideoTestimonials
Facilities
It was popularised in the 1960s with the release of Letraset sheets containing Lorem Ipsum passages.
It was popularised in the 1960s with the release of Letraset sheets containing Lorem Ipsum passages.
It was popularised in the 1960s with the release of Letraset sheets containing Lorem Ipsum passages.